atmanirbhar
आत्मनिर्भरता को लेकर देश में चर्चाएँ जोरों पर हैं ,आज हर कोई आत्मनिर्भरता से संबन्धित बहसों में जोर-शोर से भाग ले रहा है। एकल व्यक्ति के लिए आत्मनिर्भरता की अवधारणा थोड़ी अलग हो सकती है जो उसे अन्य समाज से अलग रखने की अपील के रूप में भी हो सकती है , मगर एक देश के परिप्रेक्ष्य में यह अब भी बहुत व्यापक कांसेप्ट ही है। मेरे मन में विचार इस बात से आया कि दुनिया के बहुत से देश जो आर्थिक गतिविधियों और विकास के मामले में आत्मनिर्भर हैं , उनमे से बहुत तो भारतीय राज्यों से भी छोटे हैं ....... तो आखिर ऐसा कैसे ?? उत्तर ढूढ़ने की कोशिश में कुछ अच्छे और सरल विचार आये , जिन्हें यदि अपना लिया जाये तो बहुत हद तक आत्मनिर्भरता हासिल की जा सकती है......... भारत के पास महान विरासत के रूप में योग , औषधि और आयुर्वेद का भण्डार है ..... दुनिया इसके बारे में अभी बहुत कम जानती है .... इसको वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने की जरूरत है। हमारे लोग स्थानीय उत्पादों को केवल स्थानीय बाज़ारों तक ही सीमित रखते हैं ,(मुंबई और अहमदाबाद के लोगो ने शायद ही उत्तराखंडी कांफल और खुमानी का स्वाद चखा होगा , वहीं लिट