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Showing posts from October, 2020

Bazarwaad

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  कुछ समय पहले फेसबुक पर स्क्रॉल डाउन करते वक़्त एक पोस्ट पढ़ी जिसमें लिखा था -"आने वाले 20 साल बाद यदि बच्चों से पूछा जाये कि दशहरा , दिवाली या होली पर क्या होता है तो उनका जवाब होगा -अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर सेल। " बदलते दौर में लोगों के तौर-तरीके भी बदले हैं ,और खरीददारी के मंच भी।  खरीददारी एक ऐसा टर्म है जो निरंतर चलता रहेगा ,मगर आज के समय लेन-देन के बीच जिस पर सबसे ज्यादा प्रभाव रहा है वो है - बाजार !! माहौल त्यौहारी है और मौका खरीददारी का  , ऐसे में सबकी नजर बाज़ार पर  होती है ,हो भी क्यों न भला ?? किसी के लिए प्रॉफिट का समय है तो किसी के लिए काम की शुरुआत। भारतीय बाज़ार इस ख़ास माहौल के लिए विश्व प्रसिद्ध रहे हैं , यहीं कारण रहा कि वैश्वीकरण के बाद से लगातार विदेशी कंपनियों ने भारतीय बाज़ार पर अपना दम-ख़म जमाने के प्रयास किये। इन कंपनियों का ऐसा प्रभाव रहा कि प्रारम्भ की लाइनें इनकी दास्तां को बयाँ करती हैं।  आज टेक्नोलॉजी ने खरीददारी को  एक टच  तक सीमित कर दिया है साथ ही सामान खरीदने की उन  ढेरों कलाओं (बार्गेनिंग)  को भी धुंधला कर दिया जो लोगों ने प्राचीन समय से अपने में व

Mizaaj

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          लगभग दो हफ्ते बाद पुनः शुरू कर रहा हूँ , लिखने का अपना अलग ही मजा है। इस बीच ढेरों घटनाएं घटी और सबने अपना अपना इन्फ्लुएंस दिया , हमारा देश हमेशा अपनी विविधता में एकता (यूनिटी इन डाइवर्सिटी ) के लिए पॉपुलर रहा है ,और हो भी क्यों न ?? वैरायटी तो हममें जम कर भरी है।                          घटनाओं की विभिनत्ता के बाद भी एक चीज़ जो नहीं बदली वो है हमारे देश में राजनीति और राजनेताओं का मिजाज  !!                         भारतीय राजनीति का ये एक गजब पहलू है कि आप यहां अच्छे काम करके भले ही फेमस न हों मगर बुरे काम या यूँ कहें कि किन्ही बेवजह की वारदातों में भाग लेकर जरूर चमक जाएंगे।  आज भारत का राजनीतिक स्वरुप इतनी विविधता लिए है और घटिया वारदातों में लिप्त है कि महान कौटिल्य की नीति भी इसे समझ न पाए। यहां अब केंद्र और राज्य तथा स्थानीय सरकारों के काम में कोई फर्क नजर ही नहीं आता ,हर कोई एक-दूसरे के कामों में आसानी से दखल देने लगता है।           सत्ता पक्ष का  सख्त रवैया कहें या राज्यों की मनमानी , न राज्य केंद्र की बात मानने को तैयार हैं और न ही केंद्र नरमी के मूड में। विपक्ष का तो