apni sarkar
शुक्रवार को मेरी एक मित्र का मेसेज आया ..... दरअसल वह एक स्क्रीन शॉट था , उसपर लिखा था ....... ग्रुप सी भर्ती आ गयी , सिक्योरिटी गार्ड 33 पोस्ट सचिवालय में और 541 पोस्ट अकाउंटेंट की !!
ये लिखते वक़्त उस व्यक्ति ने जितनी ख़ुशी का अनुभव किया होगा ..... उसे उत्तराखंड का कोई भी छात्र जो किसी भी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा हो ....आसानी से महसूस कर सकता है ......... ये बात इसलिए बहुत मायने रखती है कि उत्तराखंड में सरकारी वैकेंसी का आना ईद के चाँद निकलने जैसा है।
दरअसल यहां दो ही मामलों में वैकेंसी निकलती हैं :-
- जब मौजूदा सरकार का शासन खत्म होने वाला हो
- जब मौजूदा सरकार खतरे में हो
इन दो कारणों को पढ़कर ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वजह क्या है ....... वैसे हाल ही में कुछ अनुभव सरकार भी ले ही चुकी है।
अब वैकेंसी तो आ गयी !!......... तैयारी करने वाले के चेहरे पर थोड़ी मुस्कराहट के साथ कुछ शंका के भाव भी होते हैं .......अब छात्र पहले नोटिफिकेशन पढ़ता है और पदों की संख्या और एग्जाम फीस देख के डिसाइड करता है कि तैयारी किस लेवल की करनी चाहिए ??
अब बारी होती है चाचा के ,मामा के , बुआ के बच्चों और रोज अपनी खबर लेने वाले यारों को बताने की कि तैयारी शुरू करो और एग्जाम सेंटर तो वही भरना जो मैंने भरा है ......इसी बहाने मिलना भी हो जायेगा। वैसे आजकल की फर्राटेदार जिंदगी में एक दूसरे से मिलने के पल भी यही होते हैं. .....
पिछले दो महीने की तगड़ी तैयारी के बाद आखिर वो दिन आता है जिसके इंतजार में घर वालों से न जाने कितनी गालियां सुनी होती हैं.........
छात्र पुरे जोश के साथ एग्जाम देने जाता है और ख़ुशी -ख़ुशी बाहर आता और कुछ ही देर में उसके चेहरे की खुशी गम में बदलनी शुरू होती है जब उसे पता लगता है कि जो पेपर मैंने दिया वो तो बहुत से लोग कल रात व्हाट्सएप्प पर ही सॉल्व कर चुके हैं।
और फिर से ये निराश चेहरा .......घर वालों की गाली-ताने , रिश्तेदारों की खींचतान के तनाव और दोस्तों की शादियों को निपटाते हुए अगले युद्ध की तैयारी में जुट जाता है ........!!
छात्रों की भावनाओं और भविष्य के साथ ऐसे खेल राजनीति वाले अच्छे से खेलते हैं , वोट बैंक की राजनीति और इनके हितों के लिए ये पांच साल के अंतिम दौर में ही क्यों वैकेंसी का खेल खेलते हैं ?? क्या पिछले चार सालों तक पद रिक्त नहीं रहे ??
खैर जो भी हो 10 से आप फॉर्म भरें ...... और युद्ध की तैयारी करें ...... और ध्यान रहे सेंटर वही भरना .... मुलाकात युद्ध भूमि में होगी।
well said bhai ... par sarkar ka kaam rojgaar k avsar bnana hai rojgar dena nahi , ye baat logo ko bhi samjhni chaheaa k sarkar k bharose na bethe . Atmnirbhar bane !!
ReplyDeleteEkdm shi kha.... aapbiti h bilkul ye to ....🙏🙏🙏
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ReplyDeleteबिल्कुल सही बात लिखी है sir Apne..
ReplyDelete👌👌✍️✍️
aap sabhi ka dhanywaad .....
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