pados......
अक्सर यह माना जाता रहा है कि हमारे विकास में हमारे करीबियों की एक बड़ी भूमिका होती है। ये हमारे पारिवारिक लोग ,मित्र ,सहपाठी कुछ भी हो सकते हैं ........मगर इन सबके साथ जो सबसे महत्वपूर्ण हैं वो रहे हमारे........पड़ोसी !!
ये हमें बनाने में बड़ी सहायता करते हैं और हमें गिराने में भी। खैर पड़ोसियों का होना लाजिमी है वो भी भारत जैसे देश में जहां इतनी ज्यादा जनसंख्या हो .......यहां पड़ोसियों का मतलब सिर्फ घर के आस -पास रहने वालो से नहीं होता ........ बल्कि वो पड़ोसी ही क्या जिसे ये न पता हो कि हमारे घर आज रात क्या सब्जी बनने वाली है ?? अगले हफ्ते हमारे घर में कौन मेहमान आने वाला है ?? भले ही हम बाद में जानें। अपने देश में लोगों का इतना घुलना -मिलना वाकई अच्छा है।
मगर अब जरा वर्ल्ड सिनेरिओ को समझना भी तो बनता है न ?? हालांकि दुनिया भर में भी ऐसा ही होता है मगर वहां की बॉन्डिंग यहां के मुकाबले कम है। इसलिए वे लोग अपने विकास की दौड़ में पड़ोसी नामक शब्द से कम प्रभावित होते हैं।
अब पड़ोसियों की बात आ ही गयी है तो हम अपने पड़ोसियों को भी साथ में लेते चलें ........ हमारी सोसाइटी की तरह ही हमारे देश की संरचना भी ऐसी है कि अधिक से अधिक पड़ोसी हम पर नजर रख सकें। आउटर एरिया में पड़ोसियों के नाम पर हमें ज्यादा कुछ अच्छा नहीं मिला। इसे हमारी विनम्रता कहें या उनकी हठधर्मिता .......वे हमेशा गरम-मिजाज ही रहते हैं। अब तो छोटे चच्चा भी जोर से बोलने लगे हैं यह सब चार दिन की चांदनी ही है जब ऊपर से हाथ उठेगा तो फिर यहीं आना है क्यों ?? इनारे-किनारें वालों की तो बात ही क्या करें साहब ??
कुछ अपवादों को छोड़ दें तो मैंने पाया कि दुनिया भर में किन्ही भी दो विकसित या तेजी से आगे बढ़ रहे देशों के बीच आने वाले देश अक्सर कमजोर हो जाते हैं या तो ज्यादा ही निर्भर रहते हैं जैसे -चीन व रूस के बीच मंगोलिया ,भारत और चीन के बीच नेपाल या तिब्बत, चीन,दक्षिण कोरिया और जापान के बीच उत्तर कोरिया।
ऐसा ही समाज में भी होता है जहां बीच वाला दब-सा जाता है (हालांकि हर जगह ऐसा हो जरुरी नहीं ) ,तो पड़ोसियों के लिए विनम्र बने रहते हैं और हमेशा दोनों के लिए विकास के मार्गो को खुला रखते हैं .......यहां वही बात याद आती हैं पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर कैसा ??
क्यों कि याद रखें जरुरत पर वही काम आएगा दूर बैठे नहीं।
Bdiya masab....🙏
ReplyDeleteVahh☺️
ReplyDeleteवह अति सुंदर लेख।।
ReplyDeleteसटीक बात खीक आपने।।
Bahut khoob
ReplyDeleteaap sabhi ka bhaut bhaut dhanywaad.....aage likhte rehne ke liye prerit krte rhe....aapke sujhawo ka hmesha swagat hai
ReplyDeleteNice Vijay ......nice thought
ReplyDeletehiiiii
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