Rojgaar
लल्लन के चेहरे पर आज हर बार की तरह निराशा थी , आज फिर इंटरनेट कैफ़े से बहार निकलते हुए वह तंत्र को मन ही मन कोस रहा था , यह निराशा थी पिछले डेढ़ साल पहले दिए प्रतियोगी परीक्षा के रिजल्ट न आने की। यह कहानी है लल्लन जैसे उन लाखों ऐसे युवाओं की जो रोज सरकारी वेबसाइट पर अपने रिजल्ट्स को खंगालते हैं , लेकिन अधिकांश का परिणाम आता ही नहीं है , समझ नहीं आता कि सरकार नौकरी के लिए परीक्षा करवाती है या किसी सर्वे की रिपोर्ट तैयार करने के लिए .........!! भारत विश्व में नित नए जनसंख्या वृद्धि संबंधी रिकॉर्ड बनाता जा रहा है , बिना सस्टेनेबल डेवलपमेंट की चिंता किये। आज लगभग 140 करोड़ जनसंख्या को जमीन पर देखकर पंछी तक परेशान हैं कि ऊपर से अपना दाना कहां ढू