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Showing posts from August, 2020

Rojgaar

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                                                                                                                                                                                                                             लल्लन के चेहरे पर आज हर बार                                                                                                                       की  तरह निराशा थी , आज फिर इंटरनेट कैफ़े से बहार निकलते हुए वह तंत्र को मन ही मन कोस रहा था , यह निराशा थी पिछले डेढ़ साल पहले दिए प्रतियोगी परीक्षा के रिजल्ट न आने की।          यह कहानी है लल्लन जैसे उन लाखों ऐसे युवाओं की जो रोज सरकारी वेबसाइट पर अपने रिजल्ट्स को खंगालते हैं , लेकिन अधिकांश का परिणाम आता ही नहीं है , समझ नहीं आता  कि सरकार नौकरी के लिए परीक्षा करवाती है या किसी सर्वे की रिपोर्ट तैयार करने के लिए .........!!  भारत विश्व में नित नए जनसंख्या वृद्धि संबंधी रिकॉर्ड  बनाता जा रहा है , बिना सस्टेनेबल डेवलपमेंट की चिंता किये। आज लगभग 140 करोड़ जनसंख्या को जमीन पर देखकर पंछी तक परेशान हैं कि ऊपर से अपना दाना कहां ढू

HumLog

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  सबसे पहले तो आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं ...............  आज आप  74 साल के भारत में खुलकर सांस ले रहे हैं, और अपार संभावनाओं के बीच खड़े हैं।  हर साल की तरह ही भाषण , पुरानी उपलब्धियों  पर चर्चा , झण्डा रोहण सभी हुआ , मगर इस बार आप लिफाफे में रखे दो लड्डू ,एक समोसा मिस कर रहे होंगे। हाल ही में मूड ऑफ़ दी नेशन  रिपोर्ट जारी हुई , वर्तमान सरकार पर 77% लोगों ने भरोसा जताया है और कार्यों की सराहना की है। इसमें लोग 370 , चीन के साथ जवाबी कार्यवाही , नेपाल के मुद्दों को लेकर खासा एक्ससाइटेड रहे , साथ ही सरकार से मिलने वाली आर्थिक सब्सिडी को लेकर भी। यह वाकई अच्छा है कि सरकार नागरिक हितों का ख्याल रख रही है और जरुरी सेवाओं के साथ -साथ आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रहीं है। मगर ध्यान रखें कि ज्यादा समय तक ऐसा होना अच्छा नहीं है।  अक्सर ऐसा होता है कि सबकुछ बना -बनाया हाथ पर मिलता रहे तो आदमी --नीरस और आलसी हो जाता है......... मेरा मामला भी कुछ-कुछ ऐसा रहा है।   वैसे सरकार की मंशा तो ठीक है कि गरीब आदमी की आर्थिक मदद और चीजें सस्ते दामों पर उपलब्ध हों , मगर परेशानी यह है कि हमारे

KalYug

सदियों के संघर्ष के बाद आखिर भारत में रामराज्य का सपना पूरा होने जा रहा है ,अयोध्या में राम जन्म भूमि पूजन के साथ ....... वैसे तो राम अनंत हैं जिनकी व्यख्या करना असंभव है मगर पूरे क्लाइमेट में राम -राम चल रहा है तो हम भी बहती गंगा में डुबकी मार ही लेते हैं ,नहीं नहीं बहती सरयू में ,क्यों ??                पिछले दिनों राम के बारे में थोड़ा-बहुत जानने को मिला तो उसी का कलयुगी व्यू रख रहा हूँ ......  राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है कलयुग में वैसे तो इस शब्द के लिए कोई जगह नहीं है , मगर बहुत से लोग अभी लिमिट के अंदर ही हैं ,उम्मीद की जा सकती है कि वे अपना आपा न खोएं। यही मर्यादा का कांसेप्ट वर्ल्ड लेवल पर देखें तो कुछ बिगड़ैल कभी आउट ऑफ़ कंट्रोल हो जाते हैं ,हाल के वर्षो में इसमें वृद्धि देखी गयी है।   राम के करैक्टर में त्याग और डेडिकेशन रहा है ,बारह वर्षों तक दंडकारण्य में वनवास और हाय-फ़ाय लाइफ स्टाइल से त्याग उन्हें महान बनाता है। कलयुग में यह मजाक करने जैसा लगता है ,आज व्हाट्सएप और इंस्टा का जमाना है लोग त्याग के नाम पर केवल मोबाइल चार्जिंग तक का ही इन्तजार करते हैं।  राम अ

Sugandh......

कुमार भाई क्या ले रहे हो 11वीं में  ??-भाई समझ नहीं आ रहा है विज्ञान या कॉमर्स , कुछ मित्र तो कॉमर्स ले रहे हैं और कुछ विज्ञान का सोच रहे हैं ,घर वाले भी बोल रहे हैं विज्ञान ले लो  मार्क्स भी अच्छे हैं  तुम्हारे और भविष्य भी अच्छा है इस फील्ड में....!!            अभी तक ऐसा ही होता आ रहा था ,अपनी सोचने की शक्ति थी नहीं और फ्यूचर डिसाइड होता था दोस्तों और परिवार वालों की फ्यूचरिस्टिक थिंकिंग से। बच्चा ऐसे विषयों के चंगुल में फंस जाता जहां से निकलना मुश्किल था , अब 1995 में लिखी पुस्तकों का प्रत्येक वर्ष रिप्रिंट मटेरियल पढेंगे तो 21वीं सदी में कहां तक जा पाएंगे ??                       आजकल भारत की फिजा में सुगन्ध फैली हुई है सुना है कि नई शिक्षा नीति बनी है .......वो भी 34 साल बाद .........!!  अब इसके प्रावधानों को यहां बताना तो उचित नहीं होगा , भाई छ: दिन हो गए हैं और जमाना है इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का !!           दरअसल हमारी शिक्षा प्रणाली अभी तक वही रटंत विद्या तक सीमित रही थी , नई नीति के कारण कुछ अच्छा हो इसकी काफी उम्मीदें हैं। अब बच्चा आइंस्टीन के साथ महादेवी वर्मा और