dramatic plastic


 आजकल किसान बिल तथा उससे जुड़ी ख़बरों की चर्चा देश में जोरों पर है , आखिर इसका समाधान कब तक होगा और आंदोलित किसान कब तक अपनी माँगो पर डटे रहेंगे , यह कह पाना वाकई कठिन है। 

जब तक आपने इन लाइनों को पढ़ा होगा तब तक दुनिया भर के सबसे बुद्धिमान और 
विवेकशील प्राणी के रूप में'पहचाने जाने वाले हम मनुष्यों ने टनों के हिसाब से प्लास्टिक कचरा पर्यावरण को विसर्जित कर दिया होगा। 

राजनीति से इतर , आज यदि कोई मुद्दा सबसे ज्वलनशील (बर्निंग इशू ) है तो वह है - पर्यावरण और उसमें हो रहा बदलाव , जो निरन्तर नई चुनौतियां सामने ला रहा है। पर्यावरण प्रदुषण से जुड़ा ही है - "प्लास्टिक", आज प्लास्टिक पर बात करते हैं -

ज्यादा साइंटिफिक और आकड़ों से भरी बात कहना उचित नहीं होगा किन्तु सचेत रहना वाकई जरुरी है। प्लास्टिक एक ऐसा बहुलकीय (पॉलिमर ) पदार्थ है जो एक बार अस्तित्व में आने के बाद कई सौ वर्षों के लम्बे जीवनकाल को  व्यतित करता है और पर्यावरण के साथ-साथ मानवीय स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक प्रभाव उत्पन्न करता है। 
हमारे द्वारा उपभोग(कन्ज्यूम ) की जाने वाली 95-98% वस्तुओं में प्लास्टिक डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रूप से मौजूद है और उपभोग के बाद फैंका जा रहा अधिकांश प्लास्टिक समुद्रो और महासागरों में जमा हो रहा है , जो जलीय जीवों और पादपों के लिए भी नुकसान का कारण बनता है। 
 


प्लास्टिक उपभोग में भारत का योगदान :-

चाहे विश्व स्तर पर हो या अपने देश की बात की जाये , खाने -पीने की , सामान खरीदने की , घूमने- फिरने की , हर उपभोग की वस्तुओं में प्लास्टिक का बहुत बड़ा हिस्सा है। 

क्या करें ??-

प्लास्टिक को अब पूरी तरह नकारना वाकई कठिन है , मगर कुछ आदतें ऐसी हैं जिन्हें विकसित कर बहुत हद तक इस पर से अपनी निर्भरता को कम किया जा सकता है :-
  • प्लास्टिक को लेकर जागरूक रहें , इसके उपयोग को लेकर सरकारी नियमों का पालन करते रहें। 
  • बाजार से सामान खरीदने के दौरान प्लास्टिक बैग में सामान लेने के बजाए ,कपडे अथवा जूट का थैला प्रयोग में लाएं , साथ ही दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। 
  • पैक्ड फ़ूड प्रोडक्ट्स लेने से बचें , साथ ही मिनरल वाटर बोतल का केवल एक ही बार प्रयोग करें , और उसे नष्ट करने सम्बन्धी निर्देशों का पालन करें। 
  • प्लास्टिक की बॉटल्स में गरम पानी न रखें और न ही उसका प्रयोग करें , ऐसा करने से माइक्रो प्लास्टिक पार्टिकल शरीर में प्रवेश कर नुकसान पहुंचाते हैं। 
  • प्लास्टिक को जहां-तहां न फैंके , अनेक प्लास्टिक पुनः प्रयोग में लाने योग्य होते हैं , उनका  सावधानी से प्रयोग करें। 
अंत में यह कि आज ही अपने से वादा करें कि आप प्लास्टिक का कम -से -कम प्रयोग करने जा रहे हैं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने को प्रतिबद्ध हैं। 

Comments

  1. Need of the Hour..


    👌👌👌👌 Article..

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  2. Nyce thought , we all should obey the instructions to reduce plastic !!

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