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इंटरनेट आजकल हमारी जिंदगी का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है , और समय की जरूरत के हिसाब से होना भी चाहिए  यह उतना ही जरूरी हो चुका है जितना सब्जी में नमक ........बिना इसके लाइफ में अधुरापन सा लगता है।


पिछले कुछ दिनों के दौरान मैंने जितने भी मित्रों से बात की तो उन सभी में एक बात जो मैंने कॉमन पायी कि ये कहीं न कहीं एक ही ढर्रे पर चले जा रहे हैं ........  मतलब सीधा सा है , जोश से लबालब ये मित्र भले ही आज करवटें बदलती राजनीति में बढ़ चढ़ कर भाग ले रहे  हैं मगर इसका फोबिया घातक हो सकता है, और आज इस फोबिया को फेक न्यूज़ अधिक धारदार बना रहा है। 


यहां एक बात को लिया जा सकता है  कि इस लेख को कितने युवा पढ़ सकते हैं या वाकई पढ़ना चाहेंगे , बजाए इसके कि वे 5 मिनट इसे पढ़ने के फेक न्यूज़ को 5 अन्य लोगों को भेजने में ज्यादा सुखी अनुभव करेंगे। 


यह  सब  इंटरनेट का  कमाल नहीं  है बल्कि  इसे  यूज़ करने के लिए  ज्ञान की कमी है  जिसे  यहां  डिजिटल अज्ञानता कहा जाना  चाहिए। 

डिजिटल अज्ञानता को एक अन्य तरीके से समझते हैं  ......... कुछ समय पहले फेसबुक पर एक ट्रेंड प्रचलित हुआ कि आप अपनी वर्तमान फोटो यहां अपलोड करें और आने वाले वर्षों में या बुढ़ापे में आप कैसे दिखेंगे ??

लोगों ने बढ़ -चढ़ कर इसमें हिस्सा लिया , आपका कुछ देर  मनोरंजन तो गया और लाइक्स भी आ गए , मगर इस तरह अपलोड की गयी लाखों इमेज के जरिये कंपनी डाटा जमा करती हैं और इंटरनेशनल लेवल पर इस डाटा को बेचकर ढेर सारा मुनाफा अर्जित करती हैं. ............  खैर हमें इससे क्या लेना देना अपने तो लाइक्स आ गए बस !!



ऐसी अनेकों घटनाएं है जो हम लोग अपनी डिजिटल अज्ञानता के कारण रोज करते हैं :-

  • देश में नमक की कमी हो गयी है , ये अफवा फैली नहीं कि सबने घरों में बिना सोचे-समझे नमक जमा कर लिया 
  • अनेकों लिंक्स को एक-दूसरे के साथ शेयर करना , जो 90% फेक ही होते हैं 
  • किसी भी अननोन साइट पर विजिट करना , बिना शर्तों को पढ़े ही कन्फर्म करते जाना 
  • किसी भी अननोन पर्सन की रिक्वेस्ट बिना जाने ही एक्सेप्ट करना 
  • अननोन कॉल्स के जवाब भी बड़ी फुर्ती के साथ देना (यहां तक कि कई लोग तो इनसे भी दोस्ती अथवा रिस्तेदारी जोड़ने लगते हैं )
  • अननोन लोगों के साथ अपने अकाउंट की जानकारी और अन्य निजी डाटा को साझा करना 
देश में आय दिन होने वाले साइबर अपराधों , बैंक लूट , डाटा की चोरी में 85-90 % घटनाएं हमारी डिजिटल अज्ञानता के कारण ही होती हैं। 

एक अन्य घटना जो कुछ वर्षों के दौरान तेजी से बढ़ रही है  वो है मॉब लीचिंग।   इसका सबसे मुख्य कारण ही फेक खबरों का तेजी से फैलाव है। 

क्या है मॉब लीचिंग :-
                                           

                                          भीड़ द्वारा किया गया अपराध  , दरअसल किसी भड़काऊ या गलत खबर के तेजी से फैलने के कारण भीड़ को जमा किया जाता है और उग्र भीड़ हिंसा करती है ,इसमें अनेकों लोगों की जान चली गयी है अब तक। 

एक बार यदि भीड़ हिंसात्मक हो गयी तो फिर मुख्य अपराधी का पता लगा पाना कठिन होता है  वही बात कि भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता , इसी के फायदे से अपराधी आसानी से बच जाते हैं। 
  • राजनीति में भी फेक न्यूज़ का चलन तेजी से बढ़ रहा है , पार्टियां अपने फायदे के  लिए सोशल मीडिया के जरिये कुछ भी परोस दे रहीं है और हमारे युवा मित्र भंडारा समझ इसका आनंद ले रहे हैं साथ ही अच्छी खासी मार्केटिंग भी कर रहे हैं। 

फेक न्यूज़ रोकना बहुत ही जरुरी है इसके लिए:-
  • सबसे जरुरी कि शुरुआत हम खुद से करें , गलत खबरों को आगे न भेजें 
  • किसी भी साइट पर बिना शर्तों को पढ़े विजिट नहीं करें 
  • सरकारी निर्देशों का पालन करें 
  • अपनी निजी खबरों को सोशलमीडिया पर कम-से-कम शेयर करें 
  • हर लिंक को ओपन करने से बचें 

हमारी डिजिटल अज्ञानता कहें या तकनीक पर हमारी बहुत कम पकड़ , इसका ही नतीजा है कि हाल ही में चीन ने भारत के लगभग 10000 महत्वपूर्ण लोगों के सोशल मीडिया एकाउंट्स को हैक किया है और डाटा चोरी किया है , ऐसे में यह बहुत जरुरी हो जाता है कि हम खुद ही जरूरी कदम उठाएं , क्यों कि जहां सरकार तक सुरक्षित नहीं है वहां हमको भला कौन पूछ रहा है ??




सुझाव :- रूपेश खुल्बे (रामनगर)

 

 

Comments

  1. Self awareness best option ...


    #Very useful article
    #amazing👌

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  2. Great article , suggestions must be followed by people to stay safe and aware all other peoples to stop such criminal activities .

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  3. Pandit ji(Rupesh) ka topic b sahi h ajkl social media (fb.) m log itna vishwaas krte h Bina information ya knowledge k sach maan lete h nice

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