Exam Ka Rona

 पिछले दिनों के दौरान कुछ मित्रों से बात हुई तो लगभग सभी इस बात से चिंतित थे कि ये कॉलेज वाले भी न जाने कैसे हैं ......माहौल कोरोनामय हुआ है और ये एक्साम्स करवा रहे हैं। मित्रों की इसी इच्छा के अनुसार आज का लेख :-

दरअसल मुद्दा तो चिंतनीय है कि कोरोना का कहर थमने का नाम तक नहीं ले रहा है , वो थमे भी कैसे ??

       अक्सर लोग संचरणशील होते हैं और उनका एक ही जगह पर थम जाना वाकई गलत ही है। यही फार्मूला कोरोना ने भी अपना लिया है , अब इससे निजात पाने के दो ही तरीके हो सकते हैं :-

  • वैक्सीन का इन्तजार करा जाये और तब तक हाथ बांधे रहो ,
  • सुरक्षा के साथ काम करते रहो। 
मित्रों की चिंता :-
  • सबसे पहली कि केवल फाइनल ईयर में होने के कारण ही उनको पेपर देने पड़ रहे हैं ,
  • माहौल का डर 
  • इस दौरान पढ़ाई  ठीक ढंग से नहीं हो पायी , न तो कॉलेज वालो ने इस ओर कुछ ध्यान दिया 
  • कुछ कॉलेज में ओपन बुक एग्जाम हुए , हमें भी ऐसी ही कुछ सुविधा मिले  
  • प्रैक्टिकल , मौखिक आदि में कॉलेज नंबर अपनी मनमर्जी से ही देंगे , तो फिर आधी-अधूरी परीक्षा कैसी ??
क्या मित्रों की चिंता सही है ??:-

इसमें कोई दोराय नहीं  कि चिंता नहीं है , लेकिन चिंता करना भी कोई हल नहीं है। 

तो क्या करें ??:-

आप इसे समझें की आपने फाइनल तक आने के लिए कॉलेज में अपने पिछले दो -तीन साल लगाये हैं अब किसी भी तरह की लापरवाही यहां उनका महत्व कम कर देगी। 
      जरुरी निर्देशों का पालन करके , सुरक्षा के साथ एग्जाम में बैठें और आगे बढ़े (यहां मैं यह बता दूँ कि बिना एग्जाम दिए सीधे प्रमोट हुए मित्रों के मार्क्स भी अटपटे से आये हैं। )

कॉलेज क्या कर सकते हैं ??:-

एग्जाम का सारा दारोमदार कॉलेज या यूनिवर्सिटी पर होता है , ऐसे में ये आपस में कुछ निर्णय कर , परीक्षा के लिए उचित माहौल की व्यवस्था कर सकते हैं। जैसे :-
  • चूँकि इस दौरान कॉलेज की पढ़ाई में बाधा हुई है तो प्रबंधन कोर्स में कुछ रियायत दे सकते हैं। इससे लंबे सिलेबस से छात्रों को निजात मिल सकेगी। 
  • घर से ही एग्जाम करवाने'के लिए सबसे बेहतर तरीका ओपन बुक एग्जाम हैं (हाल ही में दिल्ली यूनिवर्सिटी ने इस तरह से परीक्षा करवाई है। ) इससे दूर बैठे छात्र भी आसानी से एग्जाम दे सकते हैं। 
  • एक अन्य तरीका है घर से ही ऑनलाइन ऑब्जेक्टिव टाइप एग्जाम करवाने का , इससे भी छात्र महामारी के दौरान कॉलेज जाने से बच जायेंगे और एग्जाम भी निपट जायेंगे। 
  • चूँकि इस बार अन्य एग्जाम नहीं हुए हैं तो सरकार के पास उनका  खर्चा बचा हुआ है  , ऐसे में उस पैसे को भीड़ कम  करने के लिए शिफ्ट में एग्जाम करवा कर सही तरीके से उपयोग किया  है।
  • हो सकता है कुछ छात्र कोरोना से पीड़ित रहे हो तो ऐसे में उनको कॉलेज में अनुमति देना अन्य के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है , ऐसे छात्रों को विशेष रियायत दी जा सकती है , साथ ही प्रूफ के लिए कोविड रिपोर्ट को प्रमाण के तौर पर मांगा जाये। 
सरकार की भूमिका :-

    वैसे तो सरकार छात्रों की सभी परेशानियों  को आसानी से दूर कर सकती है और मानव संसाधन के विकास में ऐसा किया भी जाना चाहिए , मगर सरकारी ऑफिस और मंत्री ही खुद को नहीं संभाल पा रहे हैं तो फिर बाकी क्या होगा ??
दरअसल नेता लोग आजकल भी केवल अपने वोट बैंक को बढ़ाने के लिए ही संघर्ष कर रहे हैं ,मामला ये है कि जो जनता को आजकल जितना इम्प्रेस कर पाएगा आगे शासन उसी का होना है , इसलिए छात्र हित के बारे में आज नहीं सोचा जा रहा है (वैसे  भी इस बार तो शायद छात्र चुनाव भी न हों ) तो किसे हमारी फ़िक्र ??


तो मित्रों राजनीति के आदेशों के सहारे न बैठ , खुद को आगे बढ़ाने के लिए इस बार फिर एग्जाम में बिना चिंता के बैठते हैं और साथ वालो को भी प्रेरित करते हैं। 
सभी को आगामी कॉलेज एग्जाम के लिए शुभकामनायें , आपका कॉलेज दोबारा आपका स्वागत करने के लिए उत्सुक है  ............ !!




टॉपिक  सुझाव :- रूबल शर्मा और दीपक चंद्र  

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